करनाल। 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद पिछले कई दिन से रोज किसी न किसी के शौक टेंशन में चले जाते हैं। कई की शादी की रंगत फीकी पड़ चुकी है, वहीं नोटों का संग्रह करने के शौकहीन लोगों को भी अब टेंशन में देखा जा सकता है। प्रदेश के ऐसे ही कई युवाओं को अब मारे टेंशन के दिन में दो बार नोटों को गिनते देखा जा सकता है। रद्दी हो जाएंगे बरसों की मेहनत से जुटाए 786 के नोट...
- करनाल के करीब 26 वर्षीय विष्णु ने जब से पढ़ाई के बाद कामकाज करना शुरू किया। तभी से विष्णु ने यह 786 नंबर लिखे नोटों को इकट्ठा करना शुरू किया, क्योंकि विष्णु को 500 के हरे पीले रंग और 1000 रुपए के पिंक रंग के यह पुराने नोट काफी पसंद थे।
- बरसों बीते, शौक बढ़ता चला गया और अब वही शौक चिंता में बदल गया, क्योंकि वो नोट अब चलने बंद हो गए हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी व केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपए के इन नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद बाद से विष्णु मायूस हो गया है।
- हालांकि अभी इन्हें अपने पास बड़े प्यार से संभाले हुए है। सोच रहा है कि वह इनका क्या करे और इसी के चलते रोजाना दिन में 2 बार इनकी गिनती करता है फिर रख देता है।
MERE PASS BHI EK NOTE HAI
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