डॉन हो या सुपरस्टार, चोर हो या गद्दार, सबका एक ही यार पैसा है. यही वो बला है, जो आपस में सबको लड़वाती है. अभी हाल में ही मोदी सरकार के 500 और 1000 के पुराने नोट बन्द करने के ऐतिहासिक फैसले ने सबको चौंका दिया. अब लोग 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को बदलने और नए नोट लेने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं. ऐसे में ग्वालियर में रह रहे सरेंडर्ड डाकू मलखान सिंह भी बैंक पहुंचे. ये वही मलखान सिंह हैं, जिन्होंने 80 के दशक में 185 हत्याएं कीं और 1,112 डकैतियां डाली थीं.
एक समय था, जब मलखान सिंह की तूती बोलती थी. लोग इनके नाम से कांपते थे, मगर आज इन्हें नए नोटों के लिए घंटों लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ा.
अकसर देखा जाता था कि जब मलखान सिंह बंदूक कंधे पर टांग कर शहर में निकलते थे, तो उनके आस-पास भीड़ लग जाती थी. मगर नोट बदलने के लिए बैंक के सामने लगी भीड़ मलखान को देख कर भी टस से मस नहीं हुई.
ख़ूंखार डकैत मलखान सिंह ने 1983 में भिंड में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया
एक समय था, जब मलखान सिंह की तूती बोलती थी. लोग इनके नाम से कांपते थे, मगर आज इन्हें नए नोटों के लिए घंटों लाइन में लग कर अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ा.
अकसर देखा जाता था कि जब मलखान सिंह बंदूक कंधे पर टांग कर शहर में निकलते थे, तो उनके आस-पास भीड़ लग जाती थी. मगर नोट बदलने के लिए बैंक के सामने लगी भीड़ मलखान को देख कर भी टस से मस नहीं हुई.
ख़ूंखार डकैत मलखान सिंह ने 1983 में भिंड में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया
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